गृहमंत्री अमित शाह आज जाएंगे दंतेवाड़ा, ‘बस्तर पंडुम’ के समापन में करेंगे शिरकत…

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कल से छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं। शाह कल देर शाम रायपुर पहुंचे। आज वे बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित जिले जगदलपुर और दंतेवाड़ा जाएंगे। दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी का दर्शन करेंगे। इसके बाद ‘बस्तर पंडुम’ के समापन में शिरकत करेंगे। कार्यक्रम में राज्यपाल रमेन डेका भी शामिल होंगे। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के पद्मश्री, नेशलन अवार्डी भी शामिल होंगे।
तीन से पांच अप्रैल तक होने वाले बस्तर पंडुम में सुकमा दंतेवाड़ा, नारायणपुर के दस-दस गांव के सरपंचों को बुलाया गया है, जो गृहमंत्री के साथ भोजन के बाद चर्चा करेंगे। उसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री फोर्स के कमांडर्स के साथ बैठक लेंगे। फिर वापस रायपुर में आकर नक्सल मामले पर प्रशासनिक बैठक लेंगे। इसमें फोर्सेस प्रमुख और इंटेलिजेंस भी शामिल होंगे।
बता दें कि शाह ने मार्च 2026 से पहले छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश से नक्सल मुक्त करने का संकल्प लिया है। ऐसे में ये बैठक काफी अहम मानी जा रही है। क्योंकि तय डेटलाइन के हिसाब में अब केवल सालभर मात्र बचे हैं। इसलिये इस बैठक में नक्सलियों से अंतिम निर्णायक लड़ाई लड़ने के लिये रणनीति बनाई जा सकती है। बैठक के बाद शाह दिल्ली रवाना हो जाएंगे।
क्यों कहते हैं बस्तर पंडुम?
बस्तर पंडुम बस्तर संभाग के सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा कार्यक्रम है। बस्तर के विरासत को बहुत ही कलात्मक ढंग से दिखाने का प्रयास इसमें किया गया है। बस्तर पंडुम गोंडी शब्द है जिसका अर्थ है बस्तर का उत्सव। प्रतीक चिन्ह में बस्तर की जीवनरेखा इंद्रावती नदी, चित्रकूट जलप्रपात, छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु वनभैंसा, राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना, बायसन हॉर्न मुकुट, तुरही, ढोल, सल्फी और ताड़ी के पेड़ को शामिल गया है। इस प्रतीक चिन्ह के माध्यम से सरल, सहज और उम्मीदों से भरे अद्वितीय बस्तर को आसानी से जाना और समझा जा सकता है।