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January 15, 2025

पांव से दबाया ट्रिगर, शूटिंग अकादमी में खुद को मारी गोली; मोबाइल में मिले 6 नाम तो पुलिस के उड़े होश…

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भोपाल: यथार्थ रघुवंशी, कक्षा 12 के छात्र थे और दो साल से अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे थे। हाल ही में उन्होंने नेशनल लेवल के लिए क्वालीफाई किया था। रविवार शाम करीब 4:55 बजे उन्होंने 12-गेज शॉटगन से खुद को गोली मार ली। यह घटना लाउंज में हुई और सीसीटीवी में कैद हो गई, लेकिन किसी ने 5:30 बजे तक ध्यान नहीं दिया। चौकीदार ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। परिवार अंतिम संस्कार के लिए अशोकनगर ले गया है।

लगा था चोरी का आरोप

यथार्थ पर 40,000 रुपये की चोरी का आरोप लगा था। यह पैसा अकादमी के ही एक 21 वर्षीय शूटर की एसयूवी में रखा था। उसने यथार्थ पर 50,000 रुपए में से 40,000 रुपए चुराने का आरोप लगाया था। दोनों के बीच इस बारे में WhatsApp पर बातचीत हुई थी। सीनियर शूटर ने पुलिस में शिकायत करने की धमकी भी दी थी। हालांकि, पुलिस में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई गई थी।


पिता और दोस्त को भेजे थे मैसेज

यथार्थ ने अपने पिता, दोस्त और एक चचेरे भाई को WhatsApp मैसेज भेजे थे। इनमें उसने चोरी के आरोप से स्तब्ध होने की बात कही थी। कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, लेकिन पुलिस को यथार्थ के भेजे गए ये मैसेज मिले हैं। रतीबड़ एसएचओ आर बी शर्मा ने बताया कि यथार्थ ने अपने पिता, दोस्त और चचेरे भाई को WhatsApp मैसेज भेजे थे, जिनमें उसने चोरी के आरोप से स्तब्ध होने की बात कही थी।

यथार्थ के चाचा नितिन रघुवंशी ने बताया कि यथार्थ ने एक दोस्त, जो अकादमी में डे स्कॉलर था, को एक सुसाइड नोट भेजा था। इस नोट में उसने छह सीनियर्स के नाम लिखे थे। उस दोस्त ने यह मैसेज यथार्थ के चचेरे भाई को भेज दिया।

डीसीपी (जोन-1) प्रियंका शुक्ला ने बताया कि अकादमी में खिलाड़ियों को सुबह 9 बजे के आसपास बंदूकें और गोला-बारूद दिए जाते हैं, और उन्हें शाम 6 बजे से पहले हथियार और खर्च किए गए कारतूस जमा करने होते हैं। दो पुलिस कॉन्स्टेबल शस्त्रागार की देखरेख करते हैं और गोला-बारूद और हथियारों के वितरण की निगरानी करते हैं।


फोरेसिंक जांच के लिए भेजा

इस घटना के बाद पुलिस ने यथार्थ का फोन फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। एसएचओ शर्मा ने कहा कि अगर उसके मोबाइल में कोई सुसाइड नोट है, तो वह मिल जाएगा। अगर किसी के पास यह नोट है, तो वे पुलिस को सूचित कर सकते हैं। यथार्थ इस घटना से बहुत परेशान था। उसके पिता ने उसे फोन पर कई बार समझाया और उससे मिलने के लिए भोपाल के लिए निकल पड़े थे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इस घटना ने खेल जगत को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना युवा खिलाड़ियों पर पड़ने वाले दबाव और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को उजागर करती है।

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