भजन लाल और अभय चौटाला जैसे दिग्गज भी पंचायत के रास्ते सियासत में उतरे थे

इसी तरह महम विधानसभा सीट से 1991, 2005, 2009 और 2014 में विधायक रह चुके पूर्व मंत्री आनंद सिंह दांगी ने भी राजनीति की शुरुआत पंचायत चुनावों से की थी। बता दें कि विधानसभा चुनाव में दांगी को शिकस्त देने वाले निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू भी इससे पहले जिला परिषद के सदस्य रह चुके हैं। कुंडू ने 2016 में रोहतक जिला परिषद से चुनाव लड़ा और जीतकर चेयरमैन बने। कुंडू जिला परिषद एसोसिएशन के भी चेयरमैन रह चुके हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल ने भी पंच चुनाव जीते थे
राजनीति की पीएचडी कहे जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल ने भी पंच चुनाव जीतने के बाद ही राजनीति की शुरुआत की थी। भजनलाल ने पहली बार 1960 में आदमपुर में पंच का चुनाव लड़ा और जीते भी। तब किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि वह एक दिन हरियाणा के मुख्यमंत्री पद तक पहुंचेंगे।
ताऊ देवीलाल का कुनबा सबसे आगे
पंचायत चुनाव लड़ने में पूर्व उप प्रधानमंत्री स्वर्गीय ताऊ देवीलाल का कुनबा सबसे आगे रहा है। इसकी शुरुआत वर्ष 1996 में हुई जब पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के बेटे अभय चौटाला और उनके भाई प्रताप चौटाला के बेटे रवि चौटाला मैदान में उतरे। सिरसा जिला परिषद के चुनाव में दोनों आमने-सामने हुए। अपने भतीजे रवि को हराकर अभय चौटाला जिला परिषद के उपप्रधान बने।