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आरोग्य भारती एक गांव और एक आंगनबाड़ी गोद लेकर बच्चों स्वस्थ बनाने का काम करें: CM

भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भोपाल में संचालित खुशीलाल आयुर्वेद महाविद्यालय और चिकित्सालय के रिसर्च सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। इस संस्थान में किए जाने वाले रिसर्च के लिए टेस्ट सुविधा भी विकसित की जाएगी। यहां पंचकर्म जैसी सुविधा है। इसलिए आयुर्वेद को आगे बढ़ाने में और मदद मिलेगी। आरोग्य भारती से आग्रह है कि भोपाल के आस-पास या किसी अन्य जिले का एक गांव और एक आंगनबाड़ी गोद लेकर वहां के बच्चों स्वस्थ बनाने का काम करें। सीएम शिवराज ने ये बातें राजधानी के तुलसी नगर में आरोग्य भारती द्वारा आयोजित स्वर्ण प्राशन कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आरोग्य भारती के काम में साथ देगी। स्वर्ण प्राशन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करता है। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि प्रदेश की आंगनबाड़ियों को जिम्मेदार नागरिक गोद लें। इससे बच्चों को सुपोषित करने में मदद मिलेगी। बाकी सरकार अपने स्तर पर काम कर रही है। इस मौके पर आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ अशोक कुमार वार्ष्णेय ने देश भर में चलाए जाने वाले इस अभियान की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह अभियान देश के सभी राज्यों में शुरू कर रहे हैं। आरोग्य भारती का यह प्रयास 16 साल तक के बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार को लेकर है। इस मौके पर आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे, आरोग्य भारती के राष्ट्रीय मंत्री मिहिर कुमार और अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।

यह हैं स्वर्ण प्राशन के फायदे
डॉ. वार्ष्णेय ने बताया कि स्वर्ण प्राशन पाचन तंत्र को मजबूत करने, मेघा, बल, बुद्धि, एकाग्रता का विकास करने, सर्दी जुकाम, मंौसमी बीमारियों से बचाने का काम करता है। इससे सोचने, सुनने और बोलने संबंधी बौद्धिक क्रियाओं का भी विकास होता है, एंटीबायोटिक से होने वाले दुष्परिणाम से बचाता है और अस्थि तथा मांसपेशियों को मजबूत करता है। इसे परीक्षण के बाद 16 साल तक के बच्चों को पिलाने के लिए अभियान शुरू किया गया है। इस मौके पर सीएम शिवराज ने बच्चों को स्वर्ण प्राशन की दो बूंद पिलाई।

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