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सरकार कॉलोनाइजर से भू-राजस्व की तर्ज पर वसूलेंगे फंड

भोपाल
राज्य सरकार ने प्रदेश में अवैध कॉलोनियों को वैध करने के नियम जारी कर दिए है। जिन कॉलोनियों में कॉलोनाइजर द्वारा पर्याप्त मूलभूत सुविधाएं विकसित नहीं की गई होंगी उनके लिए कॉलोनाईजर से ही भू राजस्व की तर्ज पर राशि वसूल कर ये काम कराए जाएंगे। कॉलोनाइजर को लाइसेंस की शर्तो के अनुरूप आंतरिक विकास कार्य करना अनिवार्य होगा। यदि वह यह काम नहीं कराता है तो उसे नोटिस जारी कर तीस दिन में जवाब मांगा जाएगा। फिर कॉलोनाइजर की सम्पत्ति, प्लांट को बेचकर भूराजस्व की तर्ज पर विकास कार्य के लिए राशि वसूली जाएगी।

यदि कॉलोनी के लोग विकास शुल्क की राशि जमा नहीं कराते है तो ऐसी रकम भू राजस्व के बकाया के तौर पर वसूल की जाएगी। यदि विकास योजना में सम्मिलित खुला स्थान नागरिक अधोसंरचना प्रदान कराने के लिए उपलब्ध नहीं है तो अधिकारी भूमि के अनुमानित मूल्य की डेढ़ गुना राशि अनाधिकृत कॉलोनी विकसित करने वाले जिम्मेदार व्यक्ति से वसूली जाएगी।  इसके लिए आबंटित नहीं किए गए भूखंड और भवनों की बिक्री की जाएगी। इसके बाद भी विकास कार्य के लिए राशि न होंने पर कॉलोनाइजर से भू राजस्व के बकाया के तौर पर वसूली जाएगी। इसके लिए 75 फीसदी रहवासियों की सहमति से नगर पालिका ऐसे कामों के लिए ऋण की व्यवस्था भी कराएगा और शेष लोगों से आंतरिक विकास के लिए शुल्क नगर पालिका के बकाया के रुप में वसूल किया जाएगा।

अनाधिकृत कॉलोनी में अधोसंरचना के विकास के लिए एक लेआउट के आधार पर योजना तैयार होगी। इसमें अधोसंरचना उपलब्ध कराने की अनुमानित लागत का आंकलन किया जाएगा। विकास कार्य पूरा करने में लगने वाला समय और विकास कार्य के लिए शुल्क निर्धारित किया जाएगा।  आबंटित नहीं किए गए शेष भूखंडों तथा भवनों के विक्रय के लिए मापदंड तय किए जाएंगे। ऐसी कॉलोनी जिन में निम्न आय वर्ग के सत्तर प्रतिशत से अधिक लोग निवास करते है उनसे योजना में किए गए विकास शुल्क का बीस प्रतिशत राशि कॉलोनी के निवासियों से लिी जाएगी और अस्सी प्रतिशत निकाय वहन करेगा। इससे भिन्न कॉलोनियों के लिए पचास प्रशित राशि कॉलोनी रहवासियों से और पचास प्रतिशत राशि निकाय वहन करेंगे।

 31 दिसंबर 2016 के पूर्व अस्तित्व में आई कॉलोनियों मेें नागरिक अधोसंरचना प्रदाय किए जाने के लिए समक्षम अधिकारी काम प्रारंभ करेंगा। इसके लिए कॉलोनी को चिन्हित करने के बाद सार्वजनिक सूचना प्रकाशित की जाएगी । अधूरे विकास कार्य करने वाले कॉलोनाइजर के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई जाएगी।

ऐसी अनाधिकृत कॉलोनी को वैध नहीं किया जाएगा जो शासकीय जमीन, विकास प्राधिकरण, गृ६ी निर्माण मंडल, स्थानीय निकायों की जमीन पर बनी है। विकास योजना की सड़क, पार्क, खेल मैदान, सांस्कृतिक विरासत क्षेत्र, नदी, नाली आमोद-प्रमोद के क्षेत्रों और जल निकायों के लिए चिन्हित क्षेत्रों में बनी अवैध कॉलोनी , राज्य तथा राष्टÑीय राजमार्ग के साथ वर्जित क्षेत्रों मे ंपड़ने वाली भूमि पर केन्द्रीय या राज्य विधि के अधीन अधिसूचित किसी अन्य ऐसे वर्जित क्षेत्र पर विकसित कॉलोनी वैध नहीं की जाएगी।

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