राजनैतिक दलों को अपराधियों को टिकट देना नहीं होगा आसान, बताना होगा कारण

देहरादून
राजनैतिक दलों को चुनाव में अपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों को उतारे जाने का कारण भी स्पष्ट करना होगा। दलों को इन प्रत्याशियों की योग्यता और उपलब्धियों की जानकारी भी देनी होगी। चुनाव में अपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भारत निर्वाचन आयोग ने गाइडलाइन जारी की है। इसी आधार पर प्रदेश की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने स्पष्ट किया है कि अपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों को अपना अपराधिक इतिहास नामांकन से लेकर मतदान के दो दिन पूर्व तक तय फार्मेट में तीन बार सार्वजनिक तौर पर प्रकाशित करना होगा, उसके बाद संबंधित दलों को भी तीन बार इसका सार्वजनिक प्रकाशन करना होगा।
इसका खर्च भी प्रत्याशियों के चुनावी खर्च में शामिल होगा। साथ ही दल भी अपनी- अपनी वेबसाइट, सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ऐसी जानकारी सार्वजनिक करेंगे। गाइडलाइन के मुताबिक आयोग ने स्पष्ट किया है कि दलों को भी दूसरे दावेदारों के बजाय ऐसे प्रत्याशियों को चुनने का कारण भी स्पष्ट करना होगा। पार्टियां महज जीत के आधार पर, अपराधिक बैकग्राउंड वाले प्रत्याशियों के चयन को सही साबित नहीं कर पाएंगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या के मुताबिक प्रत्याशी एक निश्चित फार्म भर कर रिटर्निंग अधिकारी को सौपेंगे। दलों को भी अपनी वेबसाइट पर प्रत्याशियों के आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी साझा करनी होगी।