डाईबेटिस के मरीज के लिए ये पत्ते है वरदान
डायबिटीज (Diabetes) एक गंभीर बीमारी है जिसका कोई स्थायी इलाज नहीं है। इसका मतलब यह है कि अगर किसी को शुगर की बीमारी हो गई है, तो वो उसका जीवनभर पीछा नहीं छोड़ती है। डायबिटीज एक पुरानी बीमारी है, जो तब होती है जब अग्न्याशय इंसुलिन बनाने में सक्षम नहीं होता है, या जब शरीर इंसुलिन का अच्छा उपयोग नहीं कर पाता है। इंसुलिन अग्न्याशय द्वारा बनाया गया एक हार्मोन है, जो खाए जाने वाले भोजन से ग्लूकोज को रक्त प्रवाह से शरीर की कोशिकाओं में ऊर्जा पैदा करने के लिए जाने देता है।
विशेषज्ञों की मानें, तो खराब दिनचर्या और खानपान के चलते डायबिटीज एक आम बीमारी बन गई है। हालांकि अगर, इसे सही तरह से मैनेज न किया जाए, तो यह खतरनाक रूप ले सकती है। डायबिटीज को सिर्फ हेल्दी डाइट और फिजिकल एक्टिविटी द्वारा कंट्रोल किया जा सकता है। डायबिटीज के मरीजों को मोटापा और दिल के रोग जैसी बीमारियों का खतरा भी अधिक होता है।
डायबिटीज के मरीजों को अपने खाने में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करने की आवश्यकता होती है, जिनसे उनका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रह सके। ऐसे खाद्य पदार्थ, जो ब्लड शुगर को कम कम कर सकते हैं। अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं और ब्लड शुगर को कंट्रोल करना चाहते हैं, तो आप अपने आसपास पाए जाने वाले कई पौधों के पत्ते चबा सकते हैं। कई शोध में यह साबित हो गया है कि तुलसी, जैतून और गुड़मार जैसे पौधों के हरे पत्ते चबाने से ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने में मदद मिल सकती है।
तुलसी के पत्ते
पारंपरिक चिकित्सा के कुछ चिकित्सक आमतौर पर ब्लड शुगर लेवल करने के लिए तुलसी के पत्ते चबाने की सलाह देते हैं। साल 2019 में चूहों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि तुलसी के पत्तों से निकलने वाले अर्क में ब्लड शुगर लेवल कम करने की क्षमता है। परिणामों ने यह भी सुझाव दिया कि तुलसी के पत्ते हाई ब्लड शुगर के दीर्घकालिक प्रभावों का इलाज करने में मदद कर सकते हैं।
जैतून के पत्ते
जैतून के पत्ते चबाने से टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। साल 2013 के एक अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने 46 मध्यम आयु वर्ग के पुरुषों को जैतून के पत्ते का सेवन करने को कहा। शोधकर्ताओं ने पाया कि 12 सप्ताह के बाद जैतून के पत्ते का सेवन करने वाले लोगों में इंसुलिन रेसिस्टेंट में काफी सुधार हुआ।
गुड़मार के पत्ते
गुड़मार को जिमनेमा सिल्वेस्ट्रे कहा जाता है जोकि एक जड़ी-बूटी है। भारत में पाई जाने वाली इस जड़ी बूटी को ब्लड शुगर लेवल कम करने के लिए जाना जाता है। साल 2013 के एक अध्ययन के अनुसार टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में इसके सेवन से काफी सुधार देखे गए हैं। टाइप 1 डायबिटीज वाले लोग, जिन्होंने 18 महीनों के लिए इसके पत्तों का अर्क लिया उनमें इंसुलिन लेने वालों की तुलना में ब्लड शुगर लेवल में काफी गिरावट आई।
स्टेविया या मीठी तुलसी
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) और अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (एडीए) के अनुसार, स्टेविया डायबिटीज वाले लोगों के लिए फायदेमंद पौधा है। साल 2018 के एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि इन मरीजों ने मीठी तुलसी का सेवन किया था, उनका ब्लड शुगर लेवल एक से दो घंटे में कम होना शुरू हो गया था।
शलजम के पत्ते
शलजम के साग में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो रोजाना का 1 कप में 5 ग्राम प्रदान करता है। अध्ययनों से पता चला है कि टाइप 1 डायबिटीज वाले लोग जो फाइबर का सेवन करते हैं, उनमें ब्लड शुगर लेवल कम रहता है। टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में ब्लड शुगर, लिपिड और इंसुलिन के लेवल में सुधार हो सकता है।