चित्रकूट परमिट टैक्स विवाद सुलझाने में जुटे CM, नौ माह पहले यूपी सरकार कर चुकी फैसला
भोपाल
भगवान राम की तपस्थली चित्रकूट जाने वाले यात्री वाहनों के परमिट टैक्स को लेकर बने विवाद को खत्म करने की तैयारी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके संकेत दिए हैं और कहा है कि जल्द ही टैक्स लगने से होने वाली दिक्कत का समाधान किया जाएगा। सरकार के पास नौ माह से पेंडिंग प्रस्ताव पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा ताकि श्रद्धालुओं के आने जाने के दौरान जांच-पड़ताल से होने वाली परेशानी से राहत दी जा सके। यूपी सरकार पहले ही इस बारे में फैसला ले चुकी है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो दिन पहले परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कहा था कि चित्रकूट से आने वाले वाहनों को अनावश्यक शुल्क नहीं लगेगा। चित्रकूट मेला और अन्य अवसरों पर लगने वाले टैक्स में कमी करने या उसे समाप्त करने पर विचार कर शीघ्र ही निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद यह माना जा रहा है कि चित्रकूट में बसों और अन्य यात्री वाहनों की एंट्री के दौरान परमिट और अन्य रूप में वसूले जाने वाले टैक्स में सरकार राहत दे सकती है। तीर्थ स्थल चित्रकूट में हर अमावस्या को मेला लगता है। खासतौर पर दीपावली के दौरान यहां होने वाली दीपदान में शामिल होने के लिए देश भर से 12 से 15 लाख लोगों का आना-जाना होता है। ऐसे में परमिट के विवाद में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इसलिए होता है विवाद
चित्रकूट में एमपी और यूपी दोनों ही राज्यों के क्षेत्र शामिल हैं। ऐसे में सड़क पर गुजरते हुए कब एमपी और कब यूपी की सीमा लग जाती है, यह पता ही नहीं चल पाता है। भगवान राम की तपस्थली आने वाले श्रद्धालु अगर यूपी से आते हैं तो एमपी में प्रवेश कर जाने पर उनके वाहन का परमिट सिर्फ यूपी का होने पर वाहन जब्ती और परमिट टैक्स की अतिरिक्त अदायगी करनी पड़ती है। इसी तरह एमपी का वाहन यूपी की सीमा में जाने पर परमिट टैक्स जमा नहीं करने के दायरे में आता है और परेशान अलग होना पड़ता है। इसी कारण लंबे समय से यह मांग की जा रही है कि चित्रकूट में एमपी और यूपी की सीमा का विवाद छोड़कर वाहनों के परिवहन शुल्क टैक्स फ्री कर देना चाहिए।
नौ माह पहले हुई थी बैठक, यूपी ने फैसला कर दिया
बताया गया कि इसको लेकर एमपी और यूपी के अफसरों की संयुक्त बैठक नौ माह पहले हुई थी। इसके बाद यूपी सरकार ने आदेश जारी कर दिया है कि चित्रकूट में यूपी की सीमा में आने वाले एमपी के परमिट वाले वाहनों पर दस किमी की परिधि में टैक्स फ्री माना जाएगा। यहां कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा। इसके विपरीत एमपी की सरकार नौ माह से इस प्रस्ताव पर निर्णय नहीं ले पाई है।